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फिलिस्तीनी बंदी दिवस पर इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा करने की नागरिक समाज की तरफ से अपील
17، Apr 2020

दिनांक१७ अप्रैल २०२०

आज फ़लीस्तीनी बंदी दिवस की तारीख हैआज जबकि पूरा विश्व COVID-19 जैसे महामारी से जूझ रहा है ठीक उसी वक़्तइस्राइली जेलों और बंदीगृहों में बंदहजारों फ़लीस्तीनी कैदी यातना के साथ साथ इस महामारी के खतरे की दोहरी मार भी झेल रहे हैंआज जबकि पूरी दुनिया में इस वैश्विक आपदा के मद्देनज़रजेलों मेंबंद कैदियों को रिहा करने की बात की जा रही है उसके ठीक उलट इसराइलजेलों में बंद कैदियों को छोड़ना तो दूर उनको जेलों में भी इस बीमारी से बचाने के लिएकोई इंतज़ाम नहीं किये जा रहेसाथ ही पहले की ही तरह मनमाने ढंग से फ़लस्तीनी लोगों की गिरफ्तारियांनज़रबंदी और मानवाधिकार उल्लंघन बदस्तूर जारी है.

इस साल हमारा संगठन फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई और COVID-19 जैसी महामारी में उनके स्वास्थ्य के अधिकार को सुनिश्चित कराने के लिए तुरंत करवाई करनेकी अपील करता है क्यूंकि बंदियों में ज्यादातर नाबालिग बच्चेबूढ़े और लम्बी बिमारी से ग्रस्त मासूम शामिल हैं जिनको अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हुएगिरफ्तार किया गया हैAddameer Prisoner Support and Human Rights Association के अनुसार 5000 फिलिस्तीनी नागरिक इसराइल की जेलों मेंबंद हैं जिसमे 432 प्रशासनिक तौर पर गिरफ्तार किये गए हैं और 183 बच्चों को जेलों में डाला गया हैइस्राइली उपनिवेशकों ने बिना किसी आरोप या सुनवाई केफ़लस्तीनी लोगों , पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और फलस्तीनी विधान परिषद् के सदस्यों को गिरफ्तार कर रखा है.

किसी भी तरह के स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित फलस्तीनी कैदी बाकी लोगों के मुकाबले COVID-19 जैसे भयानक महामारी के खतरे से ज्यादा आशंकित हैजिनको खचाखच भरे जेलों के भीतर भयंकर यातना और उत्पीडन झेलना पड़ रहा हैबिना किसी स्वास्थ्य सुविधाओं के गन्दगी से भरे जेलों में उनको  तो सफाई केसाधन मुहैय्या कराये गए हैं और ना ही खाने के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की गयी है और तो और उनको अपने परिवार के सदस्यों से भी मिलने पर पूर्णप्रतिबन्ध हैइस तरह के सारे अमानवीय हालातों में इस्राइली जेलखाना COVID-19 का कब हॉटस्पॉट बन जाए और फ़लस्तीनी कैदियों को इसका शिकार होनाहोना पड़ जाए ये कहा नहीं जा सकता क्यूंकि सैकड़ों फिलिस्तीन कैदी कई तरह की लम्बी बिमारियों से ऐसे भी ग्रस्त हैं जिनका अबतक इलाज नहीं किया जा रहा हैइस दर्दानाक महामारी के समय में भी इस्राइली कब्जाधारियों ने फलस्तीनियों की वेस्ट बैंक और ईस्ट जेरुसलम से नियमित रूप से गिरफ्तारियां जारी रखी हैं औरउनको तुरंत quarantine में डालने का काम कर रही है.

मार्च २०२० में IPS (Israel Prison Service) ने ये घोषणा कि COVID-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए किसी भी फ़लस्तीनी कैदियों को उनके परिवार केसदस्यों से मिलने नहीं दिया जायेगाइस्राइली कब्जाधारियों ने सैन्य न्यायालय में चलने वाले सुनवाईयों और को भी स्थगित कर दिया जो कि किसी भी व्यक्ति केस्वतंत्रता के अधिकार और सुरक्षा एवं निष्पक्ष और जल्द सुनवाई के अधिकार खुला उल्लंघन हैइसके साथ ही इसराइल फिलिस्तीनी कैदियों को उनके वकीलों सेभी मिलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है . चूँकि अभी वकीलों को कैदियों से केवल फ़ोन पे बात करने की छूट दी गयी है इसीलिए गिरफ्तार हुए लोगों की स्वास्थ्य कीहालात का अंदाज़ा लगाना नामुमकिन है.

हाल में हुए भूख हड़ताल के बाद समझौते के विफल हो जाने के बाद IPS ने जेल के भीतर भी लैंडलाइन फ़ोन तक लगाने से इनकार कर दिया जिससे इस महामारी मेंभी फ़लस्तीनी कैदियों का उनके परिवारों और क़ानूनी प्रतिनिधियों से मिलना और मुश्किल हो गया हैअभीतक IPS ने केवल महिला और बच्चे कैदियों को फोन परबात करने की छूट दी है वो भी कई बार इस में भी जानबूझकर देरी की जाती रही है जिससे कैदियों और उनके परिवारों में काफी भय और आशंका का वातावरण बनारहता हैअभीतक मात्र कुछ गिने चुने कैदियों को ही उनके परिवारों से मिलने की आज्ञा दी है जो की विभत्स महामारी के समय शर्मनाक है.

जहां इस साल हम फिलिस्तीनी कैदी दिवस मना रहे हैं तो वहीं इजरायल के जेल और हिरासत केंद्र में बंद फिलिस्तीनी कैदी पर कोरोना वायरस के फैलते संक्रमणकी वजह से उनपर और खतरा मंडरा रहा है। जबकि दुनिया भर की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कानून को बाधित करने वाले लोगों को या तो रिहा कर दिया या उनकेरिहा करने की घोषणा कर चुका है तो वहीं इजरायल की सरकार ने वहां की जेल में बंद फिलिस्तीनी कैदी को रिहा करने के लिए अभी तक कोई फैसला नहींलिया है। इन सबके बजाय इजरायली सरकार महामारी के दौरान भी फिलिस्तीनी लोगों को बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से गिरफ्तार कर रहा है। दुनिया भर में फैलेकोरोना वायरस के संक्रमण के समय भी इजरायली सरकार फिलिस्तीनी लोगों के मानव अधिकार का उल्लघंन करने से बाज नहीं  रहा है।

इस साल हमारी संस्था जेल में बंद सभी कैदियों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए और उनके जीवन के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए